Thursday, July 1, 2010

ऐश्वर्या और ईर्ष्या...लेकिन रावण पर मीडिया में आई प्रतिक्रियाएं कुछ ज्यादा ही तल्ख थीं। ऐसा भी लगा जैसे फिल्म की नाकामी से उन्हें खुशी हुई हो। इस रवैए के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान जाता है- वह है फिल्म में श्रीमती ऐश्वर्या बच्चन की मौजूदगी। विभिन्न समारोहों में उनके द्वारा पहने गए कपड़ों से लेकर फिल्म की नाकामी तक हर नुक्ते पर ऐश्वर्या के खिलाफ खूब जहर उगला गया।


ऐश्वर्या के पूरे कॅरियर के दौरान मीडिया में उन्हें ‘प्लास्टिक’, ‘ठंडी’, ‘भावनाशून्य’, ‘कृत्रिम’ और ‘अभिनय के मामले में अनाड़ी’ बताया जाता रहा है। यहां यह भुला दिया जाता है कि वे हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु और बंगाली की चालीस से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं। वे किसी फिल्मी घराने से नहीं आई हैं और न ही इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर था। आज दुनिया भर में उन्हें जितना जाना-पहचाना जाता है, उतना उनसे पहले तकरीबन किसी भारतीय अभिनेत्री को नहीं जाना गया।

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